Saturday, May 9, 2020

मातृ दिवस या फिर मात्र दिवस

आज मैंने सुबह जैसे ही स्मार्टफोन का डाटा ऑन किया तो मुझे सबसे पहले मातृ दिवस की पोस्ट्स दिखाई दीं। मैने व्हाट्सएप, ट्विवर और फेसबुक चेक किए तो हर जगह हर कोई इसी होड में लगा हुआ था कि मातृ दिवस पर कोई फोटो या चार लाईंस चिपका दे। मुझे देखकर आश्चर्य हुआ। आश्चर्य इस बात का नहीं कि आज मातृ दिवस है। आश्चर्य इस बात का कि मेरे वो परिचित जो हर समय अपने परिजनों से कडे शब्दों में बात करते रहते हैं, आज मातृ दिवस पर मातृभक्त के रूप में दिखाईं दे रहे थे। मुझे लगा कि शायद ये आज सुधर गए हैं। लेकिन सत्य क्या है, इस बात को तो हम और आप अंदर तक जानते हैं। आज मातृ दिवस है। बडी संख्या में लोग माताओं पर कविताएं, फोटो, लेख  आदि लिखेंगे। फिर कल तक सब गायब। सालभर जो लोग दूसरों की माता- बहनों को बात बात में याद करते हैं, उन्हे आज अपनी माताओं के साथ फोटो चिपकाते देख मुझे बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं होता। सोशल मीडिया पर 'कूल ड्यूड' या स्मार्ट दिखने के लिए यह सब करना आवश्यक हो गया है। लाईक्स, कमेंट्स की बहती गंगा में हाथ धोने के लिए इस तरह के स्टेटस, पोस्ट करना लोग अपना कर्तव्य समझते हैं। मातृ दिवस में कोई परेशानी नहीं है। न हीं होनी चाहिए। लेकिन मातृ दिवस को मात्र लाईक्स का दिवस बना देना, ये उचित नहीं है। सालभर सोशल मीडिया पर ब्रेकअप, मीम्स, शायरी, राजनैतिक ज्ञान बांटने वाले आज अचानक दिखावे के लिए सोशल मीडिया पर मातृ दिवस का प्रपंच करते हैं तो उसे देखकर खुशी बिल्कुल नहीं होती। स्वयं विचार करें कि आपने पिछले मातृ दिवस से इस मातृ दिवस पर कितनी गालियां दूसरों की माताओं के नाम पर दी हैं। कितना आप अपनी माता से झगडे हैं। कितना आपने उनको इग्नोर किया है। यदि आपका उत्तर 'शून्य' है तो आपको बधाई। आप मातृ दिवस मनाईए। मातृ दिवस मनाना कैसे शुरू हुआ इसके इतिहास में जाएंगे तो हम ज्यादा से ज्यादा सवा सौ साल पुराने समय में पहुंचेंगे। लेकिन हम यदि 'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते..' के इतिहास में जाएंगे तो हजारों साल पुराने समय में पहुंच जाएंगे। मातृ मनाना उचित या अनुचित नहीं है, बल्कि मातृ दिवस के नाम पर दिखावा करना उचित या अनुचित हो सकता है। यदि आपके, आपकी माताजी के साथ संबंध अच्छे हैं तो आप भाग्यशाली हैं। यदि आपके और आपकी माताजी के संबंध अच्छे नहीं हैं तो आप उतने भाग्यशाली नहीं है। आप मातृ दिवस पर क्या करते हैं, यह आपके अधिकार क्षेत्र का प्रश्न है और मैं आपके अधिकार क्षेत्र में बिल्कुल भी अतिक्रमण नहीं कर सकता। लेकिन यदि आप सालभर न केवल अपनी माताजी, बल्कि दूसरों की माताजी का भी उतना ही आदर करते हैं, तो आप का मैं आदर करता हूं। आप बात बात में गालियों के लिए किसी की माताजी को माध्यम नहीं बनाते हैं तो निश्चित ही आप हीरो हैं, लेकिन यदि आप बात बात में गालियों में दूसरों की माताओं को याद करते हैं, और आज मातृ दिवस पर बडी बडी बातें कर रहे हैं तो क्षमा कीजिए, आप से बडा ढोंगी कोई नहीं हो सकता। आप प्रसन्नतापूर्व पोस्ट या स्टेटस चिपकाईए, लेकिन उसे जीवन में उतारिए भी। लॉकडाउन चल रहा है, आप उसका पालन करिए। न केवल अपने लिए बल्कि देश के लिए। आपको देशसेव का मौका मिला है, इसे व्यर्थ न जाने दीजिए। लोगों में लॉकडाउन के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास कीजिए।
आप को मातृ दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।

2 comments:

सर्फ पुदीना के सपने में ‘लोकतंत्र रक्षक’

 सुबह जागकर मैं जब फोन पर मॉर्निंग वॉक कर रहा था तभी भागता हुआ मेरा मित्र ‘सर्फ पुदीना’ आ पहुंचा। वैसे तो सर्फ पुदीना का असली नाम सर्फ पुदीन...