Friday, June 28, 2019

कठिनाई

कुछ दिन पहले मैं बाजार में एक दुकान पर खरीदारी कर रहा था। गली संकडी थी और गली में दुकान के पास बाईक रखी थी। एक व्यक्ति हाथगाडी/ठेला (जिसे ढकेल भी कहते हैं, समान ढोने की पहियों वाली हाथ गाडी) पर सामान लेकर गुजर रहा था। उसने पाया कि जगह कम है और बाईक खडी होने की वजह से वो अपने ठेला या हाथगाडी को नहीं निकाल सकता। वो व्यक्ति शायद मूक था, बोल नही सकता था। इसलिए वो कह नहीं पा रहा था कि बाईक को साईड करो। लोगों का ध्यान अपने अपने काम पर था। फिर अचानक ही उसने तेजी से चिल्लाने वाली अजीब सी आवाज निकाली। हम सब चौंक गए। कुछ लोग हंसने लगे। हम समझ गए कि वो चाहता है कि बाईक को साईड किया जाए। हमने इंतजार किया कि कोई व्यक्ति अपनी बाईक को साईड करे। लेकिन कोई नहीं आया। फिर मै बाहर आया तो देखा बाईक का हैंडल लाॅक भी था। बिना चाबी के बाईक हटाई नही जा सकती थी। मैने इधर उधर देखा कि बाईक का मालिक आ रहा हो। कोई नहीं दिखा। फिर मैने बाईक का हैंडल पकडकर थोडा झुका दिया ताकि थोडी जगह बन सके और वो अपना ठेला/हाथगाडी ले जा सके। तभी सामने से एक स्कूटी सवार आया। वो सडक के बीचोंबीच था, हाथगाडी वाले एक एकदम सामने।  नई बाधा थी। वो स्कूटी वाला अधेड उम्र का था और वो स्कूटी पीछे नहीं लेने के मूड में था। शायद थोडी ढलान के कारण वो स्कूटी पीछे नहीं ले पा रहा होगा। फिर हाथगाडी वाले ने पूरा जोर लगाकर अजीब सी चीख निकाली और हाथ से इशारा किया कि स्कूटी को थोडा साईड में ले ले। कुछ लोग हंसने लगे उसकी चीख पर। कुछ को दया आई। स्कूटी वाले नें अपनी स्कूटी साईड कर ली।
ये घटना छोटी और सामान्य सी है लेकिन हमें सोचने पर मजबूर करती है कि वो हाथगाडी वाला असमर्थ होते हुऐ भी मेहनत करके जीवनयापन कर रहा था । बोल नहीं सकता था फिर भी सामान ढोने का काम कर रहा था। उस दिन जैसी समस्याएं उसके सामने अक्सर आती रहती होंगी। शायद कभी कभी वो भी दुखी होता होगा लेकिन फिर भी मेहनत कर रहा था। एक वो है और एक हम है जो छोटी सी बाधा आने पर निराश हो जाते हैं और जीवन खत्म कर लेने जैसे कदम उठाने के बारे में सोचने लग जाते हैं। कई बार सुसाईड भी कर लेते हैं। जीवन बडा कठिन है लगता है कि सब खत्म हो गया है लेकिन  ऐसे विचार आने पर एक बार खुद से पूछ लेना चाहिए कि क्या वाकई सब खत्म हो गया है। क्या मेरें पास वास्तव में कुछ भी नही बचा, एक भी कारण नहीं बचा जीने का। जबाब में जीने का कोई न कोई कारण जरूर मिलेगा।

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